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एनएल चर्चा 364: जस्टिस यशवंत वर्मा के घर लगी आग और कुणाल कामरा के व्यंग्य पर आहत शिवसैनिक

इस हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के घर में लगी आग में नोटों की गड्डियां जलने और इसके बाद उनके इलाहबाद हाईकोर्ट में तबादले को लेकर विस्तृत बातचीत हुई. इसके अलावा इस मामले के बहाने एक बार फिर से कॉलेजियम बनाम न्यायिक नियुक्ति आयोग की बहस पर भी बातचीत हुई. 


म्यांमार में 7.7 मैग्नीट्यूड के भूकंप से तबाही, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा सदन की कार्यवाही का अचानक स्थगन, स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा के पैरोडी गीत के बाद भड़की शिवसेना द्वारा तोड़फोड़, सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाबालिग से बलात्कार मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी पर स्वतः संज्ञान लेना, उत्तर प्रदेश में बिना कानूनी प्रक्रिया के घरों पर बुलडोज़र चलाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा नाराज़गी जताना और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर सीबीआई का छापा आदि ख़बरें भी हफ्तेभर के दौरान सुर्खियों में रही.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से प्रबंध संपादक मनीषा पांडे और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.

यशवंत शर्मा मामले पर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने इस मामले पर जांच कमेटी बनाई है, उनका तबदला कर दिया गया है, जिसे लेकर कुछ लोग विरोध भी कर रहे हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका को भी ख़ारिज किया है, ऐसे में इस मसले की पूरी तस्वीर क्या है?”

इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए करुणा कहती हैं, “जब यह बात सुप्रीम कोर्ट में पता चली तो वकीलों को बहुत हैरानी हुई. एक वजह तो यह थी कि यशवंत वर्मा जी एक बेहद अच्छे जज हैं और कोई भी व्यक्ति जिसकी लीगल ट्रेनिंग है, वह इतना कैश घर पर नहीं रखता.”


सुनिए पूरी चर्चा-


टाइमकोड्स

00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना

05:00 - सुर्खियां

21:20 - जस्टिस यशवंत वर्मा विवाद  

01:00:08 - कुणाल कामरा के शो के बाद विवाद  

01:27:00 - सलाह और सुझाव


ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमा

प्रोड्यूसर: आशीष आनंद, तीस्ता रॉय चौधरी 

संपादन: आशीष आनंद

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  • छोटी चर्चा Episode 375

    16:55|
    इस हफ़्ते चर्चा में गुजरात में हुए एयर इंडिया विमान हादसे, पर्यावरण में हो रहे परिवर्तन, भीषण गर्मी के कहर और उससे उपजी समस्याओं और राजा रघुवंशी हत्याकांड जैसे मुद्दों पर विस्तार से बात हुई.  इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, मोगांबे इंडिया के वरिष्ठ संपादक कुंदन पांडेय और ईस्ट मोजो के कार्यकारी संपादक अमित कुमार शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.सुनिए
  • छोटी चर्चा Episode 374

    14:53|
    इस हफ़्ते चर्चा में प्राइड मंथ के आलोक में एलजीबीटीक्यू समुदाय की हालिया स्थिति और पूर्वोत्तर भारत में हर साल बनते बाढ़ के हालातों पर बात हुई. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान क्वीरबीट के संस्थापक एवं प्रबंध संपादक अंकुर पालीवाल और वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया.
  • एनएल चर्चा 374: प्राइड मंथ के बीच एलजीबीटीक्यू समुदाय के हालात और पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ का असर

    01:11:28|
    इस हफ़्ते चर्चा में प्राइड मंथ के आलोक में एलजीबीटीक्यू समुदाय की हालिया स्थिति और पूर्वोत्तर भारत में हर साल बनते बाढ़ के हालातों पर बात हुई. इसके अलावा मद्रास हाईकोर्ट द्वारा समलैंगिक (एलजीबीटीक्यू) समुदाय को परिवार बनाने की अनुमति देना, पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ जैसी स्थिति से असम सबसे अधिक प्रभावित, बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में करीब 11 लोगों की मौत और 56 घायल, गृह मंत्रालय द्वारा भारत में जातिगत जनगणना की घोषणा और भारत में फिर से कोविड के मामलों में बढ़ोतरी जैसी खबरें भी हफ्तेभर सुर्ख़ियों में रहीं.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान क्वीरबीट के संस्थापक एवं प्रबंध संपादक अंकुर पालीवाल और वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने किया. एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के हाशिए पर होने और उनकी हालिया स्थिति को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए शार्दूल कहते हैं, “एक बात बार बार मेरे सामने आई कि पश्चिमी देशों में इस समय एलजीबीटीक्यू समुदाय को लेकर घोर विरोध की लहर है लेकिन भारत भले ही पीछे हो पर वो सही रास्ते पर है. तो सबसे पहले मैं यही जानना चाहूंगा कि यह बात कहां तक सही है?”इस विषय पर अंकुर कहते हैं, “अगर हम पिछले कई सालों से तुलना करें तो अभी चीजें बेहतर हैं और वही बेहतरी सोशल मीडिया पर दिखाई दे रही है. वहीं कई संस्थाएं आज भी उनके आरक्षण, परिवार बनाने, और भेदभाव जैसे जमीनी मुद्दों को उठा रही हैं. साथ ही अगर आप पश्चिमी देशों में इस समुदाय को लेकर विरोध से भारत की तुलना करेंगे तो यहां स्थिति कहीं ज्यादा बेहतर है.”सुनिए पूरी चर्चा- टाइमकोड्स- 00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना 03:45 - सुर्खियां 10:21 - मद्रास हाईकोर्ट द्वारा एलजीबीटीक्यू को परिवार बनाने का अधिकार46:47 - सब्सक्राइबर्स के पत्र48:47 - पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ और भूस्खलन का असर1:06:22 - सलाह और सुझावनोट: चर्चा में अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.चर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.ट्रांसक्रिप्शन: सत्येंद्र कुमार चौधुरी प्रोड्यूसर: आशीष आनंद, तीसता रॉय चौधरीसंपादन: आशीष आनंद
  • एनएल चर्चा 373: अमेरिका में ट्रंप के खुलते पत्ते और मौसम के बिगड़ते समीकरण

    01:44:47|
    इस हफ़्ते चर्चा में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसलों और पर्यावरण में हो रहे परिवर्तन, असमय बारिश और तापमान में आई कमी जैसे मुद्दों पर विस्तार से बात हुई.  इसके अलावा न्यूयॉर्क के कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ने ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ पर लगाई रोक, ट्रंप ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में विदेशी छात्रों के प्रवेश पर 15 प्रतिशत तक रोक लगाने की मांग की, एलन मस्क ने ट्रंप प्रशासन से दिया इस्तीफ़ा, दिल्ली की एक अदालत ने बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पॉक्सो के मामले को बंद करने की दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट को स्वीकार किया, एफसीआरए के नियमों में हुआ बदलाव, भारत और कई अन्य देशों में कोविड के मामले बढे, बीते रविवार और सोमवार मुंबई में हुई भयंकर बारिश, दिल्ली में पिछले 15 सालों में सबसे ठंडा मई का महीना रहा और अंकिता भंडारी हत्याकांड में तीन आरोपियों को उम्रक़ैद की सज़ा आदि ख़बरें भी हफ्ते भर सुर्ख़ियों में रहइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार एमके वेणु और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन सेटलमेंट के डीन जगदीश कृष्णास्वामी शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया. अमेरिका में ट्रंप के फैसलों से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “अमेरिका में बड़ी उथल पुथल मची है, एक तरफ ट्रंप ने स्टूडेंट वीज़ा पर रोक लगा दी है और दूसरी तरफ ट्रंप की रेसिप्रोकल टैरिफ योजना पर कोर्ट ने रोक लगा दी है. इसके क्या नतीजे हो सकते हैं भारत के नज़रिए से?इस विषय पर वेणु कहते है, “ट्रंप ने जो इमरजेंसी पावर का इस्तेमाल किया है और पूरी दुनिया के देशों पर टैरिफ लगाया है, उस पर कोर्ट ने कहा है आप ये नहीं कर सकते कि पूरी दुनिया को एक तरफ से टैरिफ लगा दें. ट्रंप ने कहा है कि वे सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.”सुनिए पूरी चर्चा- टाइमकोड्स- 00:00 - इंट्रो और ज़रूरी सूचना 05:30 - सुर्खियां 15:40 - अमेरिका में चल रही उथल-पुथल  57:25 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 1:13:20- मौसम का बिगड़ा समीकरण  01:38:41 - सलाह और सुझावनोट: चर्चा में अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.चर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद संपादन: आशीष आनंद 
  • एनएल चर्चा 372: विदेश नीति की चुनौती और गाज़ा का संकट

    01:53:09|
    इस हफ़्ते चर्चा में भारत-पाकिस्तान संघर्ष के आलोक में भारत की विदेश नीति और गाज़ा का ताजा हालातों पर विस्तार से बात हुई.इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी और द हिंदू के सीनियर असिस्टेंट एडिटर कल्लोल भट्टाचार्य शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंद वर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.”सुनिए पूरी चर्चा-टाइमकोड्स-00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना02:09 - सुर्खियां11:40 - ग़ाज़ा के बिगड़ते हालात23:57- भारतीय नेताओं का विदेश दौरा01:20:48 - सब्सक्राइबर्स के पत्र01:41:41 - सलाह और सुझावनोट: चर्चा में अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.पत्रकारों की राय-क्या देखा, पढ़ा और सुना जाएशार्दूल कात्यायन न्यूज़लॉन्ड्री परगौरव आर्य की प्रोफाइलवीडियो - हाउ वन कंपनी सेक्रेटली पॉइज़ंड द प्लेनेट डाक्यूमेंट्री - सीक्रेट पाकिस्तानकिताब - शाल वनों का द्वीपआनंद वर्धनकिताब - द ग्रेट डिल्युज़न किताब - नेहरूज़ फर्स्ट रिक्रूटज़हृदयेश जोशी इंडियन एक्सप्रेस पर प्रताप भानु मेहता का लेखकल्लोल भट्टाचार्यराजा अनवर की किताब - द टेररिस्ट प्रिन्सअतुल चौरसिया डाक्यूमेंट्री - अमेरिकन मैनहंटिंग: ओसामा बिन लादेनडाक्यूमेंट्री - पाकिस्तान: एनैटमी ऑफ ए स्टेटचर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: तीस्ता रॉय चौधरी / हसन बिलालसंपादन: हसन बिलाल
  • एनएल चर्चा 371: भारत-पाक संघर्ष विराम के बाद उठते सवाल और ऑपरेशन सिंदूर का राजनीतिकरण

    01:23:04|
    इस हफ़्ते चर्चा में विक्रम मिस्री और उनके परिवार की निजी जानकारी सार्वजनिक करके उनकी ट्रॉलिंग करने और भारत-पाकिस्तान संघर्ष के आलोक में भारत की विदेश नीति पर विस्तार से बात हुई.  इसके अलावा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दावा- भारत-पाकिस्तान को व्यापार की धमकी देकर करवाया सीज़फायर के लिए राजी, मध्यप्रदेश में भाजपा के मंत्री कुंवर शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादास्पद टिप्पणी, और चीन एवं अमेरिका के बीच अब टैरिफ वॉर का थमना भी हफ्ते भर की सुर्खियों में शामिल रहा.  इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा, लेफ़्टिनेंट जनरल रामेश्वरम यादव और पूर्व आईपीएस अफसर यशवर्धन आज़ाद शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने कियऑपरेशन सिंदूर पर भारत सरकार की प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “बीते दिनों राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान से पहले संघर्षविराम की घोषणा की. ट्रंप उसके बाद से भी बार-बार सीज़फायर में मध्यस्थता की बात कर रहे हैं लेकिन भारत सरकार से किसी बड़े राजनेता का इस पर कोई जवाब नहीं आता है.”वहीं, कर्नल कुरैशी पर भाजपा मंत्री की विवादास्पद टिप्पणी को लेकर यशवर्धन आज़ाद कहते है, “वर्दी को पहनने के बाद हमारा कोई धर्म नहीं होता, लेकिन कुछ मंत्री सबकी जातियां बताकर भ्रम फैला रहे हैं,” सुनिए पूरी चर्चा- टाइमकोड्स- 00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना 03:25 - सुर्खियां 22:10 - भारत-पाकिस्तान सीज़फायर में ट्रम्प का बयान 45:25- पाकिस्तान की भ्रामक ख़बरें 01:16:24 - सलाह और सुझावनोट: चर्चा में अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.चर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंदसंपादन: आशीष आनंद 
  • एनएल चर्चा 370: भारत-पाक के बीच बढ़ता तनाव और समाचार चैनलों पर फर्जी ख़बरों के हूटर

    01:56:28|
    इस हफ्ते चर्चा में भारत और पाकिस्तान के बीच दिनों-दिन बढ़ते सैन्य तनाव और इसे युद्ध बताने में जुटे मीडिया चैनल्स पर विस्तार से बात हुई. साथ ही इस दौरान चैनलों में पर आई फर्जी ख़बरों की बाढ़ और सेना एवं विदेश मंत्रालय द्वारा दी जा रही संयमित और संतुलित जानकारी को लेकर भी चर्चा हुई.  इस हफ्ते भारतीय सेना द्वारा पाक अधिकृत कश्मीर में पहलगाम हमले के जवाब में की गई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक कार्रवाई, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का सर्वदलीय बैठक में इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा पाकिस्तानियों के मारे जाने की सूचना देना, भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के हमलों को नाकाम करना, गृह मंत्रालय द्वारा देशभर में मॉक ड्रिल का ऐलान और महिला आयोग द्वारा शहीद विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी को सोशल मीडिया पर निशाना बनाए जाने की निंदा करने जैसी ख़बरें भी सुर्खियों में रहीं. इसके अलावा चीफ जस्टिस संजीव खन्ना समेत सुप्रीम कोर्ट के 21 जजों द्वारा अपनी व्यक्तिगत आर्थिक जानकारी सार्वजनिक करने, नैनीताल में नाबालिग से बलात्कार के मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट का एसएसपी को निगरानी की जिम्मेदारी सौंपने के अलावा भारत और यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते(FTA) पर हुए हस्ताक्षर भी चर्चा में रहे. इस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा और हृदयेश जोशी शामिल हुए. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और विकास जांगड़ा ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.भारत और पाकिस्तान के बीच जारी संघर्ष से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, ‘8-9 मई को भी भारत में 15 शहरों को निशाना बनाने की कोशिशें हुईं, सीमा से लगे देशों में ब्लैकआउट किया गया. भारत ने लाहौर और सियालकोट तक जवाबी हमले किए. इस बीच कई भ्रामक और फर्जी सूचनाओं की भी सोशल मीडिया पर बाढ़ सी आई दिखी.’इस विषय पर हृदयेश कहते हैं, ‘युद्ध की स्थिति में एक अच्छे पत्रकार का काम है कि सही जानकारी दे, और जो जानकारी छुपाई जा रही है, उसे देशहित के लिए सामने लाए.’सुनिए पूरी चर्चा- नोट: अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.टाइमकोड 00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना 02:55 - सुर्खियां 13:10 - भारत-पाकिस्तान तनाव   1:06:36- मीडिया में भ्रामक खबरें 1:36:22 - सब्सक्राइबर्स के पत्र 01:50:32 - सलाह और सुझावचर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद, तीसता रॉय चौधरी संपादन: आशीष आनंद
  • एनएल चर्चा 369: जातिगत जनगणना और वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम डे पर मीडिया की आज़ादी के सवाल

    01:49:04|
    इस हफ्ते केंद्र सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराए जाने के ऐलान, प्रेस फ्रीडम डे के बहाने मीडिया की आजादी और और पहलगाम हमले पर सुरक्षा में चूक को लेकर सवाल पूछने वालों पर एफआईआर दर्ज करने को लेकर विस्तार से बात हुई.  इसके अलावा पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव, पीएम मोदी की तीनों सेनाओं के अध्यक्षों के साथ बैठक, एक सर्वे के अनुसार 80 फीसदी लोगों का मानना कि भारत में अभी भी मीडिया आज़ाद, पहलगाम हमले के बाद देशभर में कई जगहों पर मुस्लिम समुदाय के लोगों को निशाना बनाए जाने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा दो लोगों की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए डिजिटल एक्सेस को नागरिकों का अधिकार बताए जाने की ख़बरें भी हफ्ते भर सुर्ख़ियों में रहींइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार स्मिता शर्मा और गीता सेशु शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री टीम से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंदवर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.विश्व प्रेस फ्रीडम डे से चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “आंकड़े बताते हैं कि दुनिया भर में पत्रकारों के लिए स्थितियां कुछ खास मुफीद नहीं हैं और कुछ देशों में तो बहुत ज़्यादा ख़राब हैं. भारत में भी हालात कुछ खास ठीक नहीं हैं.” इस मुद्दे पर अपनी बात रखते हुए गीता कहती हैं, “बहुत ही कम पत्रकारों को उनकी हत्या या मारपीट के मामले में न्याय मिलता है. 2010 से अब तक केवल 3 मामलों में पत्रकारों को न्याय मिला है. जो स्वतंत्र पत्रकार हैं, उन्हें ज़्यादा निशाना बनाया जाता है. ”सुनिए पूरी चर्चा-नोट: अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:05 - सुर्खियां17:50 - प्रेस की आज़ादी और एफआईआर 1:1:50- सब्सक्राइबर्स के पत्र1:11:33 - जातिगत जनगणना 01:41:50 - सलाह और सुझावचर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.ट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: आशीष आनंद , तीसता रॉय चौधरी संपादन: आशीष आनंद  .
  • एनएल चर्चा 368: पहलगाम में आतंकवाद पर भारत की प्रतिक्रिया और निशिकांत दुबे पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई

    01:56:38|
    इस हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादी हमले पर भारत की प्रतिक्रिया को लेकर विस्तार से बातचीत हुई.इसके अलावा जम्मू में भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं का दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता राकेश शर्मा पर हमला किया, निशिकांत दुबे की सीजेआई संजीव खन्ना पर की गई टिप्पणी को लेकर कार्रवाई की मांग की, दिल्ली हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव को लगाई फटकार, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में साइन बोर्ड्स पर उर्दू के इस्तेमाल पर रोक लगाने वाली याचिका की ख़ारिज और पोप फ्रांसिस की मृत्यु आदि ख़बरें भी हफ्ते भर सुर्ख़ियों में रहींइस हफ्ते चर्चा में बतौर मेहमान वरिष्ठ पत्रकार हृदयेश जोशी, और द हिन्दू अख़बार की डिप्टी एडिटर विजैता सिंह शामिल हुईं. वहीं, न्यूज़लॉन्ड्री से सह संपादक शार्दूल कात्यायन और स्तंभकार आनंदवर्धन ने हिस्सा लिया. चर्चा का संचालन न्यूज़लॉन्ड्री के प्रबंध संपादक अतुल चौरसिया ने किया.चर्चा की शुरुआत करते हुए अतुल कहते हैं, “चिंताजनक बात यह है कि पहचान करके हिन्दुओं को मारा गया है और इसका दूसरा पहलू यह है कि यह सुरक्षा में हुई बड़ी चूक है, जिस पर बात नहीं हो रही.”विजैता कहती हैं, “अभी कूटनीतिक स्तर पर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया दी है, लेकिन पुलवामा के समय हुई बालाकोट स्ट्राइक जैसा कोई कदम अभी नहीं उठाया गया है, और आगे उठाया जाएगा या नहीं ये अभी कहा नहीं जा सकता.”सुनिए पूरी चर्चा-नोट: अपने पत्र भेजने के लिए यहां क्लिक करें.टाइमकोड्स00:00 - इंट्रो और जरूरी सूचना03:05 - सुर्खियां15:50 - पहलगाम पर भारत की प्रतिक्रिया1:9:39- सब्सक्राइबर्स के पत्र1:19:45 - निशिकांत दुबे का बयान01:38:50 - सलाह और सुझावपत्रकारों की राय-क्या देखा, पढ़ा और सुना जाए शार्दूल कात्यायनसीरीज़ -द डे ऑफ़ द जैकल फिल्म - स्पॉटलाइटविजेता सिंहपॉल लिंच की किताब - प्रॉफेट सांगहृदयेश जोशीअजय साहनी का लेखश्याम सरन का लेखआनंदवर्धनकिताब - द अनडाईंग लाइटअतुल चौरसियाडॉक्यूमेंट्री - कैंपस पे क्रैकडाउनचर्चा में पिछले सप्ताह देखने, पढ़ने और सुनने के लिए किसने क्या सुझाव दिए, उसके लिए यहां क्लिक करें.ऑरकाओं में मैनोपॉज पर शोधट्रांसक्रिप्शन: तस्नीम फातिमाप्रोड्यूसर: तीस्ता रॉय चौधरी संपादन: हसन बिलाल